सूर्यकेतु और दर्पण-नगरी
सूर्यकेतु और दर्पण-नगरी एक नगर जहाँ हर चेहरा था एक पूर्ण चित्र, प्रतिबिम्ब-तंत्र ने बनाया था हर जीवन को पवित्र। जब एक रहस्यमयी शक्ति ने शहर को घेरा, सूर्यकेतु ने बचाया था ज्ञान और बुद्धि से मानवता का सारांश। सूर्यकेतु ने अपने प्रज्ञा-कवच के न्यूरल-विश्लेषक को सक्रिय किया। उसकी दृष्टि के सामने 'दर्पण-नगरी' का विशाल, चमकदार शहर फैला हुआ था, जो एक विशाल, पारदर्शी क्वांटम-जाल के भीतर स्थित था। यहाँ...