ध्वनिराज
ध्वनिराज एकल बोध, एक शांत और श्रवणहीन युवक, अपनी विशेष दृष्टि से ध्वनि के रंग और रूप देखता था। जब एक दुष्ट मौन, कालकंठ, ने संसार के संगीत को मिटाना शुरू किया, तो उसे एक प्राचीन भविष्यवाणी का एहसास हुआ। उसे सात खोए हुए स्वर खोजने थे, जिन्हें महानाद के सप्तक कहा जाता था। अपनी अनोखी इंद्रियों और नए साथियों के साथ, उसे एक ऐसी यात्रा पर निकलना पड़ा, जहाँ...