कणों की गूँज
कणों की गूँज कणपुर अपनी सदियों पुरानी ध्वनि-शिल्प कला के लिए जाना जाता था, जहाँ हर ध्वनि-लहरी एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को सौंपे गए ज्ञान का प्रतीक थी। जब एक लालची उद्योगपति, धीरेंद्र, ध्वनि-तरंगों का दोहन कर एक आधुनिक फैक्ट्री लगाने की योजना बनाता है, तो एक युवा महिला, कनिका, को अपनी दादी की प्राचीन डायरी से एक गहरा रहस्य उजागर होता है। यह रहस्य सिर्फ़ ध्वनि-शिल्प के बारे...