सूर्यकेतु और ध्वनि-माया
सूर्यकेतु और ध्वनि-माया एक नगर, जहाँ हर स्वर था एक जटिल गणना, ध्वनि-तंत्र ने हर नागरिक को बनाया था एक अद्भुत रचना। जब एक अदृश्य शत्रु ने किया शहर पर वार, सूर्यकेतु ने बचाया था ध्वनि-युद्ध में मानवता का सार। सूर्यकेतु ने अपने प्रज्ञा-कवच के न्यूरल-विश्लेषक को सक्रिय किया। उसकी दृष्टि के सामने 'नाद-नगर' का विशाल, चमकदार शहर फैला हुआ था, जो एक विशाल, पारदर्शी क्वांटम-जाल के भीतर स्थित था।...
