जड़-छाया
जड़-छाया अठारह सौ अस्सी के दशक में, एक ब्रिटिश-प्रशिक्षित वनस्पति-विज्ञानी, अद्वैत, अपनी पत्नी मेधा और बेटे युग के साथ एक रहस्यमयी गाँव में आता है। वहाँ उन्हें एक विशाल, प्राचीन बरगद का पेड़ मिलता है जिसकी परछाई अजीब है। धीरे-धीरे, पेड़ की छाया उनके मन और शरीर पर हावी होने लगती है, जो उन्हें एक भयावह और अनचाही वास्तविकता में खींच लेती है। मंदाकिनी का आगमन सन् अठारह सौ अस्सी...