अन्तिम-ब्रह्म
अन्तिम-ब्रह्म प्राण-मंडल की नीहारिका में, जहाँ जीवन की आदि-ऊर्जा स्पंदित होती है, एक भयंकर विसंगति फैल रही है। यह कोई विनाश नहीं, बल्कि अस्तित्व का उल्टा हो जाना है। वायुमंत और उसकी टीम को एक ऐसे शत्रु का सामना करना है, जो सिर्फ़ जीवन को नहीं, बल्कि उसके सार को ही मिटा रहा है, और उन्हें एक ऐसे सत्य का पता लगाना है जो ब्रह्मांड के ताने-बाने को हमेशा के...