शून्य काल: रक्त और लोहा का दिन
शून्य काल: रक्त और लोहा का दिन संक्षिप्त परिचयवर्ष २०९६ — दिल्ली का दिल कहलाने वाला क्षेत्र इंडिया ज़ोन-० अचानक एक अप्रत्याशित सैन्य संकट का गवाह बनता है। कोई साज़िश नहीं, कोई षड्यंत्र नहीं, कोई रहस्यमय तकनीक नहीं — बस सीधी जंग। एक निजी सुरक्षा एजेंसी "ZK-सिक्योरिटी" के 400 जवान, जो वर्षों से दिल्ली के व्यावसायिक क्षेत्र में तैनात थे, अपने करार के विरुद्ध, अचानक हथियारों से लैस एक विद्रोही...