अन्जान ख़तरा
अन्जान ख़तरा उन्नीसवीं सदी के शुरुआती दौर में हिमालय की बर्फ़ीली चोटियों में बसा एक भूला हुआ गाँव, कांतिवन, अपने पीछे एक भयानक अतीत छोड़ गया था। युवा खोजकर्ता कल्याण और उसकी पत्नी सारिका को वहाँ एक प्राचीन दर्पण मिलता है। यह दर्पण न केवल उनकी वास्तविकता को बदल देता है, बल्कि उनकी आत्माओं को भी अपने भीतर कैद करने लगता है। कांतिवन का सन्नाटा उन्नीसवीं सदी का शुरुआती समय...