पन्नों का सच
पन्नों का सच राहुल, एक युवा पत्रकार, अपने दादाजी के निधन के बाद उनकी पुरानी प्रिंटिंग प्रेस को बंद करने का फैसला करता है। प्रेस में उसे एक गुप्त तहखाना और एक पुरानी मशीन मिलती है, जिसके भीतर एक डायरी और कुछ कागज़ात छिपे हैं। ये कागज़ात एक बहुत पुराने और दर्दनाक राज़ को उजागर करते हैं, जो उसके परिवार और शहर के सबसे अमीर व्यापारी, शर्मा, के बीच एक...