अहंकार का दर्पण
अहंकार का दर्पण यह कहानी एक शक्तिशाली राजा वीरसेन की है, जो अपनी पहचान केवल अपनी शक्ति और नियंत्रण में पाता था। जब एक भयानक प्राकृतिक आपदा उसके राज्य को नष्ट कर देती है, तो उसे एहसास होता है कि उसका बाहरी नियंत्रण अपर्याप्त है। उसकी यह यात्रा उसे एक ऐसे मौन गुरु से मिलाती है जो उसे यह सिखाते हैं कि सच्चा ज्ञान और शांति बाहरी शक्ति में नहीं,...