आवाज़ का मौन
आवाज़ का मौन, इशारों की धुन अध्याय 1: शब्दों का जादूगर और शांत दुनिया की आवाज़ मुंबई के एक व्यस्त रेडियो स्टेशन में, जहाँ हर सुबह लाखों लोग उसकी आवाज़ सुनते थे, वहीं एक युवा रेडियो जॉकी, अर्णव, अपने स्टूडियो में लीन रहता था। उसके लिए शब्द सिर्फ़ ध्वनियाँ नहीं थीं। वे भावनाएँ थीं, विचार थे, जीवन की धड़कन थे। अर्णव एक प्रतिभाशाली वक्ता था। उसकी हर बात में एक...