अंधेरे से उजाले तक: शौर्य की आवाज़
अंधेरे से उजाले तक: शौर्य की आवाज़ सारांश: शौर्य, एक प्रतिभाशाली लेकिन बहुत शर्मीला किशोर, अपनी बात कहने में हमेशा झिझकता है, खासकर जब उसे मंच पर बोलने या अपनी राय व्यक्त करने का मौका मिलता है। उसे लगता है कि उसकी आवाज़ में कोई दम नहीं है। जब स्कूल में एक वाद-विवाद प्रतियोगिता की घोषणा होती है, तो उसे अपनी इस कमज़ोरी का सामना करना पड़ता है। अपनी बहन...