तारों की खामोशी
तारों की खामोशी, रंगों का शोर: एक प्रेम गाथा अध्याय 1: ब्रह्मांड का साधक और शहर की दीवारें मुंबई की एक शांत छत पर, जहाँ रात का आकाश कभी-कभी ही साफ़ दिखता था, वहीं एक युवा शौकिया खगोलशास्त्री, आकाश, अपनी दूरबीन में लीन रहता था। उसके लिए तारे सिर्फ़ चमकते बिंदु नहीं थे। वे अनंत रहस्य थे, ब्रह्मांड की खामोश कविता थे। आकाश एक जिज्ञासु आत्मा था। उसकी हर खोज...