भरोसे की ताक़त
भरोसे की ताक़त संक्षिप्त सारांश:यह कहानी एक आधुनिक नगर में रहने वाले दो मित्रों – अनिरुद्ध और दुष्यंत – की है, जिनके जीवन में सफलता और नैतिकता की राहें अलग-अलग मोड़ लेती हैं। एक दोस्त ने अपने मूल्य और परिश्रम के बल पर जीवन को सँवारा, जबकि दूसरा दोस्त तात्कालिक लाभ के पीछे भागते हुए अपने नैतिक मूल्यों से भटक गया। कहानी इस बात को दर्शाती है कि सच्ची सफलता...