रंगों का सार
रंगों का सार यह कहानी प्राचीन सुरग्राम गाँव के एक विलक्षण चित्रकार ध्रुव की है, जो अपनी कला की पूर्णता के लिए प्रसिद्ध था। उसका मानना था कि एक चित्र का सच्चा मूल्य उसकी बाहरी सुंदरता और यथार्थवाद में है। जब एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में वह अपनी दृष्टि खो देता है, तो उसकी दुनिया टूट जाती है। यह कहानी उसकी आंतरिक यात्रा का वर्णन करती है, जहाँ वह सीखता है...