सूर्यकेतु की स्वप्न-यात्रा
सूर्यकेतु की स्वप्न-यात्रा एक नगर जहाँ हर रात थी एक साझा स्वप्न, स्वप्न-तंत्र ने हर मन को दिया था एक नया रूप। जब एक अदृश्य शत्रु ने किया शहर पर वार, सूर्यकेतु ने बचाया था स्वप्न-युद्ध में मानव का सार। सूर्यकेतु ने अपने प्रज्ञा-कवच के न्यूरल-विश्लेषक को सक्रिय किया। उसकी दृष्टि के सामने 'स्वप्न-लोक' का विशाल, चमकदार शहर फैला हुआ था, जो एक विशाल, पारदर्शी क्वांटम-जाल के भीतर स्थित था।...