स्वर-यात्रा
स्वर-यात्रा एक विशाल खोखले क्षुद्रग्रह के भीतर बसे शहर नाद का जीवन नाद-ग्रंथ नामक एक केंद्रीय मस्तिष्क से निकलने वाली ध्वनियों पर निर्भर था। युवा नाद-विज्ञानी स्वरित को एक रहस्यमयी, असंगत ध्वनि का पता चलता है, जो पूरे शहर को धीरे-धीरे अस्थिर कर रही है। उसे अब अपनी गुरु प्रणव के साथ मिलकर उस सच को उजागर करना है, जिसे शांतक नामक एक रहस्यमयी संगठन ने सदियों से छिपा रखा...