प्रतिध्वनि का कालखंड
प्रतिध्वनि का कालखंड श्राव्य-नगर में, जहाँ ध्वनि से इतिहास संग्रहीत होता है, एक रहस्यमय "मूक" संकेत, महा-नाद को दूषित कर रहा है। ध्वनि-इतिहासकार नाद, जिसे अतीत की गूंजें सुनाई देती हैं, इस विनाशकारी विसंगति का पता लगाता है। उसे अपनी सहयोगी मृदंगिका के साथ मिलकर, इस मौन को जन्म देने वाले षड्यंत्र का पर्दाफ़ाश करना होगा। उनका मिशन उन्हें शहर की नींव में छिपे एक प्राचीन रहस्य तक ले जाता...