एक साधना
एक साधना एक युवा शिल्पकार, जिसने अपनी कला को केवल धन और प्रसिद्धि का साधन बना लिया था, वह अपने ही अहंकार के बोझ तले दब जाता है। उसकी कला, जो कभी पवित्र थी, अब निर्जीव और दिखावटी हो गई थी। जब एक भीषण सूखा उसकी महत्वाकांक्षा को चुनौती देता है, तो एक शांत गुरु उसे जीवन के सच्चे सार से परिचित कराते हैं। यह कथा बाहरी सफलता पर आंतरिक...