सूर्यकेतु का छाया-लोक
सूर्यकेतु का छाया-लोक प्रकाश-पुरी, जहाँ हर श्वास में थी रोशनी, रौशनी ने हर भावना को दिया था नया रंग। पर जब छाया-जाल ने किया शहर को भयभीत, सूर्यकेतु ने सुलझाई थी गहन, अंधेरी गुत्थी। सूर्यकेतु ने अपने प्रज्ञा-कवच के न्यूरल-विश्लेषक को सक्रिय किया। उसकी दृष्टि के सामने 'प्रकाश-पुरी' का विशाल, चमकदार शहर फैला हुआ था, जो पूरी तरह से "हल्का-क्रिस्टल" नामक एक विशेष पदार्थ से बना था। यह एक ऐसा...