छाया का खेल
छाया का खेल उन्नीसवीं सदी के अंत में, एक दुर्गम और विशाल हवेली में विरेंद्र अपनी याददाश्त खो बैठा है। उसकी पत्नी, नीलिमा, उसकी देखभाल करती है, पर हवेली की दीवारें एक भयावह राज़ छुपाए हैं। विरेंद्र को हर रात एक अदृश्य छाया दिखाई देती है, जो उसे संकेत देती है कि उसका अतीत ख़तरनाक है। यह एक ऐसा खेल है जहाँ हर मोड़ पर धोखा है और विरेंद्र को...