सब्ज़ियों का हंगामा
सब्ज़ियों का हंगामा यह कहानी है मक्खनलाल की, जो एक सब्ज़ी विक्रेता था और जिसे यह भ्रम हो गया था कि वह सब्ज़ियों की भाषा समझता है। उसकी इस अनोखी क्षमता के कारण गाँव में एक-एक करके अजीबोगरीब घटनाएँ घटने लगीं, और हर घटना ने एक नया हास्य का बवंडर ला दिया। मक्खनलाल की सब्ज़ियाँ न सिर्फ़ बिकती थीं, बल्कि गाँववालों के जीवन में हँसी और अजीबोंग़रीब परेशानियों का तड़का...