सहानुभूति का पाठ
सहानुभूति का पाठ यह कहानी एक युवा कॉर्पोरेट कर्मचारी निशा की है, जो अपनी व्यस्त और प्रतिस्पर्धात्मक जीवनशैली में दूसरों के प्रति सहानुभूति और करुणा खो देती है। वह लोगों को उनकी बाहरी परिस्थितियों या सोशल मीडिया की छवि के आधार पर आंकती है, लेकिन अंततः उसे यह एहसास होता है कि सच्चा मानवीय संबंध और संतोष केवल दूसरों की भावनाओं को समझने और उनकी मदद करने में ही निहित...