अधूरा अतीत
अधूरा अतीत एक घनी आबादी वाले शहर की संकरी गलियों में जयन्त अपनी घड़ी की दुकान में गुमसुम बैठा था। जब उसे पहला पत्र मिला, तो उसे लगा कि यह एक मजाक है। पर जैसे-जैसे पत्रों का सिलसिला बढ़ता गया, उसकी ज़िंदगी एक ऐसी पहेली बन गई जिसकी हर परत पर सिर्फ अंधेरा और रहस्य छिपा था। पत्रों में लिखी बातों ने उसे अपनी ही स्मृतियों के भँवर में खींच...