🌟 टिल्लू और समय का दरवाज़ा – एक रोमांचक यात्रा ⏳🚪
👦 पात्र परिचय:
टिल्लू — 10 साल का एक जिज्ञासु और होशियार बच्चा, जिसे पुराने रहस्य और अजीब मशीनें बहुत पसंद हैं।
दादाजी — एक रिटायर्ड वैज्ञानिक, जो हमेशा कहते थे:
“समय कभी एक जैसा नहीं रहता बेटा, बस उसे समझना सीखो!”
🏠 अध्याय 1: पुराने तहख़ाने की खोज
एक दिन टिल्लू अपने दादाजी के पुराने घर के तहख़ाने में गया, जहाँ धूल से ढंके बक्सों के बीच उसे मिला एक बड़ा, गोल, धातु का दरवाज़ा — उस पर अजीब चिन्ह बने थे, और बीच में एक घड़ी की तरह घूमता डिस्क।
दरवाज़े के पास एक काग़ज़ चिपका था:
“समय का दरवाज़ा – सावधानी से प्रयोग करें”
टिल्लू हैरान रह गया! क्या ये सचमुच समय यात्रा की मशीन है?
⏳अध्याय 2: दरवाज़ा खुलता है
जैसे ही टिल्लू ने बीच की डिस्क घुमाई, दरवाज़े से तेज़ रोशनी निकली और हवा घूमने लगी। अगले ही पल…
फ्वूंश!
टिल्लू कहीं और था।
वो एक विशाल महल के सामने खड़ा था, जहाँ पहरेदार तलवारें लिए घूम रहे थे, और चारों तरफ ऊँट और हाथियों की कतारें थीं।
एक बुज़ुर्ग साधु ने कहा,
“तुम कौन हो बालक? क्या तुम समयदूत हो?”
👑अध्याय 3: भविष्य का संदेश
साधु ने बताया कि ये 1000 साल पुराना राज्य “कालधरा” है, जहाँ एक भविष्यवाणी के अनुसार एक आने वाले समय का बच्चा एक खतरनाक तानाशाह को रोकेगा, जो समय की लकीर को तोड़ना चाहता है।
टिल्लू को पता चला कि “कालभक्षक” नाम का एक दुष्ट राजा समय की किताब चुराकर सारे कालखंडों को अपने अनुसार बदलना चाहता है — अगर वो सफल हुआ, तो अतीत, वर्तमान और भविष्य सब बर्बाद हो जाएंगे!
🗡️ अध्याय 4: टिल्लू का मुकाबला
टिल्लू ने कुछ पुराने वैज्ञानिक यंत्रों और अपने दिमाग से एक टाइम लॉक मशीन बनाई, जो केवल सही समय पर ही खुलती थी।
वो राजा कालभक्षक के महल में पहुँचा, जहाँ समय की किताब को एक काले घेरे में कैद किया गया था।
जैसे ही कालभक्षक सामने आया, वो बोला:
“तू क्या करेगा? मैं हर समय को झुका सकता हूँ!”
टिल्लू ने कहा,
“लेकिन मैं हर समय की कदर करता हूँ — और तुम उसे बिगाड़ नहीं सकते!”
टिल्लू ने टाइम लॉक मशीन को चालू किया, जिससे पूरा महल समय के भीतर फंस गया और कालभक्षक धीरे-धीरे धूल में बदल गया।
🔁अध्याय 5: घर वापसी
बादशाह की जगह अब एक अच्छा राजा चुना गया, और टिल्लू को “कालरक्षक” का सम्मान मिला।
साधु ने कहा,
“अब तुम्हारा समय यहाँ पूरा हुआ, बच्चे। भविष्य तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है।”
जैसे ही टिल्लू ने दरवाज़ा फिर से खोला — फ्वूंश! — वो अपने तहख़ाने में वापस था।
🎉 अंतिम दृश्य:
दादाजी ने मुस्कुराकर पूछा, “क्या मिला तहख़ाने में?”
टिल्लू बोला,
“केवल कुछ धूल… और थोड़ा समय।”
लेकिन उसकी जेब में अब भी वो समय की किताब का एक टुकड़ा था — चमकता हुआ।
🌈 कहानी का संदेश:
जो समय की इज्जत करता है, वो इतिहास बदल सकता है।
हर बच्चा अपने भीतर एक समय-यात्री छुपाए होता है — बस ज़रूरत है विश्वास और साहस की।
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