काँटों की राह
काँटों की राह एक आम औरत की असाधारण जिजीविषा की गाथा मंजुला कभी कोई बड़ा नाम नहीं थी। न कोई नामी परिवार, न ही विशेष शिक्षा। एक छोटे कस्बे के सरकारी स्कूल में पली-बढ़ी, मंजुला की ज़िंदगी का अधिकतर हिस्सा रसोई और जिम्मेदारियों के बीच बीतता था। पर यही एक साधारण-सी स्त्री, समय के थपेड़ों और कठिनाइयों से जूझते हुए कैसे अपने भीतर की आग को पहचानती है और दूसरों...