कर्म-योग
कर्म-योग एक कलाकार, जिसे अपनी कला पर अत्यंत गर्व था, वह केवल पूर्णता की खोज में जीवन बिताता रहा। एक त्रासदी के बाद, उसे यह ज्ञात हुआ कि, कला का सच्चा सार हृदय की सेवा में है, न कि रूप में। प्राचीन भारत में, सिंधु नदी के किनारे, एक समृद्ध और विशाल साम्राज्य था, जिसका नाम 'गांधार' था। यह राज्य अपनी असाधारण मूर्तिकला, कला और शिल्पकला के लिए दूर-दूर तक...