नयनज्योति
नयनज्योति सुरभि, एक युवा बुनकर, अपने गाँव में उस अदभुत कला के कारण तिरस्कृत है जो उसकी आँखों में बसी है। गाँववाले इसे एक अभिशाप मानते हैं और उससे दूर रहते हैं। जब एक बड़ा संकट गाँव पर आता है, तो उसे अपनी कला को ही अपनी शक्ति बनाना पड़ता है। यह कहानी एक ऐसी महिला की है जो अपनी कला, अपनी नयनज्योति, से न सिर्फ़ अपना बल्कि पूरे गाँव...