अंतिम मंज़िल
अंतिम मंज़िल यह कहानी एक सुनसान पहाड़ी स्टेशन "घाटराकोट" की है, जहाँ एक वीरान होटल ‘अंतिम मंज़िल’ पिछले चालीस वर्षों से बंद पड़ा है। कहा जाता है कि वहां जो भी ठहरता है, या तो वापस नहीं आता, या पागल हो जाता है। जब मशहूर डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म निर्माता अमर राजपुरोहित, अपनी टीम के साथ उस होटल की सच्चाई को उजागर करने आता है, तो उनके सामने खुलता है ऐसा भयावह...