पेड़ों वाली गर्मियाँ
पेड़ों वाली गर्मियाँ संक्षिप्त विवरण:यह कहानी है 14 वर्षीय श्रेयांश दुबे की, जो मुंबई में रहते हुए अपने गर्मी की छुट्टियाँ बिताने जाता है अपने नाना-नानी के गाँव मधुपुर। एक ऐसा गाँव जहाँ इंटरनेट धीमा है, सड़कों पर धूल उड़ती है, और शाम को बिजली चली जाती है। लेकिन वहीँ शुरू होती है एक रोमांचक यात्रा — मिट्टी में खेलने की, पुराने कुओं की, आम के बाग की, नई दोस्ती...