कर्म का हिसाब
कर्म का हिसाब यह कहानी Yudhisthira नामक एक महान मूर्तिकार की है, जो अपनी कला पर बहुत अभिमान करता था। वह मानता था कि जीवन का सार केवल उन आकृतियों और रचनाओं में है, जिन्हें वह अपने हाथों से गढ़ता था। जब एक भयानक बाढ़ उसके जीवन भर के काम को नष्ट कर देती है, तो उसका अभिमान चकनाचूर हो जाता है। अपनी खोई हुई पहचान की तलाश में, वह...