माया-प्रहरी
माया-प्रहरी तेज-पुरी नामक एक शहर में लोग एक अनवरत सुखद और प्रकाशमय जीवन जीते थे। युवा प्रकाश-यात्री समिधा को एक रहस्यमय, जीवित अँधेरा मिलता है, जिसे तेज-नायक शार्दूल ने छिपा रखा है। अपनी सहयोगी, अंक-ज्योतिषी मृणाल के साथ मिलकर, वह प्रकाश-यंत्र के झूठ को उजागर करने निकलती है, ताकि मानवता को एक भूले हुए सच से अवगत करा सके। तेज-पुरी का अखंड प्रकाश तेज-पुरी एक विशाल, भव्य और चमकदार शहर...