मानव-नदी
मानव-नदी चित्त-नगर नामक एक उन्नत नगरी, जहाँ चेतना एक विशाल मानव-नदी की तरह बहती है, अचानक एक भयानक मौन में डूब जाती है। युवा स्मृति-वाचक सारिका को पता चलता है कि यह मौन किसी प्राकृतिक घटना का नहीं, बल्कि एक जानबूझकर छिपाए गए रहस्य का परिणाम है। वह अपने लोगों को बचाने के लिए इस मानसिक नदी की गहराई में उतरती है, जहाँ उसे अपनी दुनिया के अस्तित्व का सबसे...