जीवन का अर्थ
जीवन का अर्थ एक अति धनी व्यापारी केवल धन को ही जीवन का सार मानता था। उसके लिए, लोगों का मोल उनकी उपयोगिता से अधिक नहीं था। पर एक भयंकर आग ने सब कुछ जला दिया, और उसे सिखाया कि सच्ची समृद्धि हृदय की उदारता में होती है। अठारहवीं शताब्दी में, भारत के मध्य भाग में, एक अत्यंत समृद्ध और विशाल व्यापारिक नगर था, जिसका नाम 'वैश्यपुर' था। यह नगर...