काल का पहिया
काल का पहिया सत्रहवीं शताब्दी में, एक युवा सेनानायक विजय और उसकी पत्नी नलिनी, अरावली की तलहटी में एक प्राचीन बावड़ी की रखवाली के लिए आते हैं। बावड़ी के भीतर उन्हें एक रहस्यमयी, घूमता हुआ यंत्र मिलता है जो समय को दोहराता है। वे धीरे-धीरे एक ही दिन के भयानक चक्र में फँस जाते हैं, जहाँ हर पल के साथ उनकी वास्तविकता और मानसिक शांति समाप्त हो जाती है। काल-पात्र...