विस्मृति
विस्मृति उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्ध में, एक महत्वाकांक्षी विद्वान को बंगाल के एक घने जंगल में स्थित एक प्राचीन और रहस्यमय हवेली में बुलाया जाता है। उसका काम वहाँ की धूल भरी, उपेक्षित पुस्तकालय की किताबों को सूचीबद्ध करना है। जैसे-जैसे वह इस कार्य में डूबता जाता है, उसे एक ऐसी प्राचीन पांडुलिपि मिलती है जो सिर्फ़ ज्ञान का भंडार नहीं, बल्कि एक भयावह और अनजानी शक्ति का स्रोत है...