जंग लगे शीशे
जंग लगे शीशे पचास के दशक में, एक युवा जोड़ा, मलय और गौरी, एक वीरान शीशे की फ़ैक्ट्री में रहने आते हैं। वे जल्द ही महसूस करते हैं कि फ़ैक्ट्री के जंग लगे शीशों में कुछ भयानक और जीवित है। ये शीशे उनकी वास्तविकता, रिश्तों और मानसिक शांति को धीरे-धीरे नष्ट कर देते हैं, उन्हें एक भयावह और अनचाहे जाल में फँसा देते हैं। खंडित हवेली का आगमन यह उन्नीस...