परिश्रम का फल
परिश्रम का फल शिल्पिकपुर नामक राज्य में, जहाँ कला और मेहनत का बोलबाला था, एक समय आया जब आलस्य और अहंकार ने अपनी जड़ें जमा लीं। ऐसे में, देवव्रत नामक एक साधारण पर मेहनती शिल्पकार और भानु नामक एक कुशल पर आलसी कारीगर की कहानी शुरू होती है। जब राज्य के पुनरुत्थान के लिए एक भव्य प्रतियोगिता की घोषणा होती है, तो दोनों अपने-अपने रास्ते चुनते हैं। यह कहानी दिखाती...