एक पल
एक पल वरुण और अनुराधा एक प्राचीन हवेली में चले जाते हैं, जहाँ उन्हें एक रहस्यमयी पेंडुलम घड़ी मिलती है। इस घड़ी की टिक-टिक की आवाज़ उनके अतीत के भयानक पलों को जगाती है, और उन्हें मानसिक रूप से आतंकित करती है। जैसे-जैसे घड़ी की टिक-टिक तेज होती जाती है, वैसे-वैसे वे अपने आप को एक ऐसे दुःस्वप्न में पाते हैं, जहाँ उनका अपना ही अस्तित्व एक भ्रम बन जाता...