चाय और तुम्हीं
चाय और तुम्हीं दो अजनबी, दो अलग ज़िंदगियाँ, एक प्याली चाय और एक बेहद ख़ास इत्तिफ़ाक़ चाय और तुम्हीं: दिल्ली की एक बरसाती शाम थी। सड़कों पर रेंगती कारें, भीगते लोग, और हवा में घुली हुई मिट्टी की ख़ुशबू — यही उस शहर का वो चेहरा था जिससे हर कोई कहीं न कहीं मोहब्बत कर बैठता है। लेकिन उस दिन, दो ज़िंदगियाँ जो कभी एक-दूसरे से टकराने की सोच भी नहीं...