सूर्यकेतु का काल-चक्र
सूर्यकेतु का काल-चक्र एक नगर, जहाँ हर पल था एक पुनरावृत्ति, समय-पुर में हर जीवन बन चुका था एक रीति। जब एक दुष्ट शासक ने समय को बाँधा था, सूर्यकेतु ने तोड़ दिया काल-चक्र का वो पाश। सूर्यकेतु ने अपने प्रज्ञा-कवच के न्यूरल-विश्लेषक को सक्रिय किया। उसकी दृष्टि के सामने 'समय-पुर' का विशाल, चमकदार शहर फैला हुआ था, जो एक विशाल, पारदर्शी क्वांटम-जाल के भीतर स्थित था। यहाँ की हर...