ज्ञान का मूल्य
ज्ञान का मूल्य एक महत्वाकांक्षी विद्वान, जिसने स्वयं को पुस्तकों में कैद कर लिया था, उसे लगा कि समस्त ज्ञान उसकी मुट्ठी में है। एक भीषण प्रतिस्पर्धा ने उसके अहंकार को चरम पर पहुँचा दिया, पर एक शांत गुरु ने उसे एक ऐसी कठिन परीक्षा में भेजा जहाँ उसे अपने ज्ञान की असलियत पता चली। यह एक ऐसी गाथा है जहाँ अहंकार की दीवारें गिरती हैं और सच्चा ज्ञान पुस्तकों...