स्वातंत्र्य का सार
स्वातंत्र्य का सार यह कहानी अद्वैत नामक एक युवा तपस्वी की है, जो अपनी कठोर साधना और अनुशासन पर बहुत अभिमान करता था। वह मानता था कि जीवन का सार केवल इच्छाओं को नियंत्रित करने में है। जब एक भयानक घटना में उसकी सबसे प्रिय पवित्र पांडुलिपि नष्ट हो जाती है, तो उसका अभिमान चकनाचूर हो जाता है। अपनी खोई हुई पहचान की तलाश में, वह एक आध्यात्मिक यात्रा पर...