नियमों से परे
नियमों से परे यह कहानी मानस नामक एक प्रतिभाशाली शिल्पकार की है, जो अपनी बनाई हुई मूर्तियों की पूर्णता पर बहुत अभिमान करता था। वह मानता था कि सच्चा सौंदर्य केवल कठोर नियमों और संतुलन में है। जब वह एक ऐसी मूर्ति बनाने का प्रयास करता है जो प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करे, तो उसे अपनी सीमाओं का पता चलता है। उसकी यह यात्रा उसे एक वृद्ध ऋषि के...