पुनर्जन्म का धागा
पुनर्जन्म का धागा एक युवा बुनकर, काव्या, अपने गाँव में अपनी पुरानी बुनाई की कला को पुनर्जीवित करने का प्रयास करती है। लेकिन एक लालची व्यापारी, शेखर, गाँव की ज़मीन पर कब्ज़ा करना चाहता है। काव्या को अपनी दादी, सुलोचना, की बुनी हुई एक रहस्यमयी साड़ी मिलती है, जिसमें एक पुराने राज़ और धोखे का सच छिपा है। काव्या, एक युवा समाजसेवक, संजय, और एक अनुभवी बुनकर, गीता, की मदद...