प्रस्तर-गाथा
प्रस्तर-गाथा स्मृति-नगर में, जहाँ लोग भावनाओं को पत्थरों में कैद करते थे, एक युवा पाषाण-शिल्पी विरेश रहता था। उसकी अनोखी क्षमता ने उसे अलग-थलग कर दिया, क्योंकि वह पत्थरों को छुए बिना ही उनमें निहित भावनाओं को महसूस कर सकता था। जब एक दुष्ट जादूगर क्रूरदेव ने शहर की सारी भावनाएं चुरा लीं, तो विरेश को उन्हें वापस लाने के लिए एक साहसिक यात्रा पर निकलना पड़ा। उसे एक प्राचीन...