शापित ध्वनि
शापित ध्वनि सत्रहवीं शताब्दी में, उड़ीसा के एक घने जंगल के पास बसे एक छोटे से गाँव का युवा पुजारी मलय, एक प्राचीन और रहस्यमयी लकड़ी की बाँसुरी ढूँढता है। जब वह उसे बजाता है, तो उसकी मधुर धुन गाँव वालों के कानों में भय और पागलपन के फुसफुसाहट में बदल जाती है। वे धीरे-धीरे एक-दूसरे के ख़िलाफ़ हो जाते हैं और गाँव बर्बादी की कगार पर पहुँच जाता है।...