छाया-ग्रह
छाया-ग्रह मेखला-पुर एक विशाल, तैरती हुई नगरी थी, जो आकाश-शृंखला के एक हिस्से पर बनी थी। इसका अस्तित्व गुरुत्व-ऊर्जा के एक जटिल जाल पर टिका था। जब यह जाल अस्थिर होने लगा और समय के भ्रम पैदा करने लगा, तो एक युवा जाल-निर्माता को एक भूली हुई सच्चाई का सामना करना पड़ा। मेखला-पुर का जाल विनय अपने छोटे से कक्ष में बैठा था। उसका कक्ष तैरती हुई नगरी मेखला-पुर के...