नादविष्णु का ढोलक-प्रेम
नादविष्णु का ढोलक-प्रेम रंगपुर नामक एक गाँव में तालकेतु नाम का एक सनकी व्यक्ति रहता था। उसका एकमात्र जुनून एक पुराना और टूटा हुआ ढोलक था, जिसे वह "नादविष्णु" कहता था। वह मानता था कि यह ढोलक जादुई है और इसमें से संगीत की एक दिव्य ध्वनि निकलती है। उसका लालची प्रतिद्वंद्वी घोषवर्ध, यह मानकर कि ढोलक में कोई गुप्त खजाना छिपा है, उसे चुराने के लिए हास्यास्पद षड्यंत्र रचता...