मरु-नगर
मरु-नगर रेगिस्तान के दिल में एक सपना, जहाँ हरियाली थी एक जादू का नशा। जब जीवन-धारा का स्रोत था संकट में, सूर्यकेतु ने सुलझाई थी एक गहरी गुत्थी। सूर्यकेतु ने अपने प्रज्ञा-कवच के न्यूरल-विश्लेषक को सक्रिय किया। उसकी दृष्टि के सामने 'मरु-नगर' का विशाल, काँच का गुंबद फैला हुआ था। यह एक ऐसा शहर था जो पूरी तरह से एक कृत्रिम बायोस्फीयर में बसा था, जो रेगिस्तान की असीम गर्मी...