पराक्रम की परीक्षा
पराक्रम की परीक्षा एक अहंकारी राजकुमार अपनी तलवार की धार पर गर्व करता था, और केवल विजय ही उसका धर्म था। एक कठिन यात्रा ने उसे सिखाया कि सच्चा पराक्रम बाहरी बल में नहीं, बल्कि हृदय की पवित्रता में है। ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी में, भारत के पूर्वी हिमालय की तलहटी में, एक शक्तिशाली साम्राज्य था, जिसका नाम 'विजयगढ़' था। यह राज्य अपनी कुशल सेना, निडर योद्धाओं और उत्कृष्ट सैन्य...